Kota: चम्बल नदी मे पिकनिक मनाने गये 6 दोस्त बहे,परिवार मे पसरा मातम
कोटा, राजस्थान (14 जुलाई 2025): मानसून की बारिश के बीच रविवार को कोटा से एक दर्दनाक खबर सामने आई, जहां चंबल नदी में पिकनिक मनाने पहुंचे 7 लोग तेज बहाव में फंस गए। राहत की बात यह रही कि एक युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन 6 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
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क्या है पूरा मामला?
रविवार को कोटा के निमोदा हरिजी गांव में बिरज माताजी मंदिर के पास कुछ युवक पिकनिक मनाने पहुंचे थे। दोपहर के समय, जब सभी नदी में उतरे तो अचानक जलस्तर बढ़ गया और तेज बहाव शुरू हो गया। नदी के तेज उफान मे फंसे 7 लोग देखते देखते हि तेज बहाव में 6 लोग बह गये, ओर एक तेरकर किनारे पर एक टापू पर आ गया जिसे SDRF की टीम ने कडी मस्सकत से रेस्क्यू किया गया।
दिगोद थानाधिकारी के मुताबिक मोके पर प्रसासन ने 108 एम्बुलेंस चिकित्सा स्टॉफ को भेजा गया, प्रसासन के पहुंचने से पहले हि 7 लोगो मे से 3 लोग चम्बल नदी के तेज बहाव में बह गये। जब तक SDRF की टीम मोके पर पहुँचती हे उससे पहले हि 4 जने भी उनकी आँखों के सामने बह गये।
थानाधिकारी पुरषोतम मेहता ने बताया की निमोदा हरिजी गांव निवासी बंशीलाल पुत्र लठूरलाल मेघवाल अपने दोस्तों रिश्तेदारो पांचूलाल पुत्र राकरण निवासी निमोदा हरिजी, रमेश पुत्र सूरजमल मेघवाल निवासी केथून, आँशु पुत्र रविंद्र मेघवाल निवासी चैनपुरा, संजय पुत्र रामरतन निवासी केथून, देवकीनंदन पुत्र जगदीश निवासी जाखोड़ा ओर धर्मराज पुत्र जगदीश निवासी जाखोड़ा के साथ पिकनिक मनाने निमोदा हरिजी कबचौथ माताजी मंदिर के स्थान पर गये थे। जहा नदी के तेज बहाव में फस गये ओर देखते देखते हि 6 लोग बह गये।
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कोटा बैराज के खुले 12 गेट बने हादसे की वजह
बारिश के कारण कोटा बैराज से 12 गेट खोले गए, जिससे चंबल नदी का जलस्तर अचानक बहुत तेजी से बढ़ गया। प्रशासन का कहना है कि यह बदलाव बिना पूर्व चेतावनी के पिकनिक पर पहुंचे लोगों के लिए जानलेवा साबित हुआ।
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लापता युवकों के परिवार सदमे में
जैसे ही यह खबर सामने आई, लापता युवकों के घरों में कोहराम मच गया। परिजनों ने प्रशासन से रेस्क्यू तेज़ करने की मांग की है। घटनास्थल पर अब भी बड़ी संख्या में पुलिस, प्रशासन और मीडिया मौजूद है।
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प्रशासन की अपील: नदी-नालों से दूर रहें
कोटा प्रशासन ने आम नागरिकों से नदी, तालाब और अन्य जलस्रोतों के पास न जाने की सख्त हिदायत दी है। विशेष रूप से मानसून के दौरान नदी में जलस्तर और बहाव तेजी से बदल सकता है, जिससे जान का खतरा बना रहता है।
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