झालावाड़ (राजस्थान):
राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना ब्लॉक स्थित पीपलदा गांव में शुक्रवार सुबह 8 बजे एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। एक सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा अचानक गिर गया, जिसमें अब तक 7 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है और 28 से ज्यादा छात्र घायल हुए हैं। इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है। पीएम मोदी, पूर्व CM गहलोत साहब,मुख्यामंत्री भजनलाल शर्मा, शिक्षा मंत्री सभी ने इस घटना पर अपना दुख: जाहिर किया है।
छात्रा ने किया खुलासा – पहले गिरे कंकड़, पर टीचर ने नहीं दिया ध्यान
एक छात्रा ने बताया कि क्लासरूम की छत से पहले छोटे-छोटे कंकड़ गिरने लगे थे, लेकिन जब उसने इस बात की जानकारी टीचर को दी तो कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया। इसके कुछ ही मिनटों बाद पूरी क्लासरूम की छत भरभराकर गिर गई। सभी बच्चे एक हि क्लास 7 वी के थे। स्थानीय लोगो ने बताया की स्कूल की छत गिरने से धमाके की जैसी आवाज हुई थी।
हादसे मे 5 मृतक बच्चों की पहचान की गई हे, हादसे पायल (14) पुत्री लक्ष्मण, प्रियंका (14) पुत्री मांगीलाल, कार्तिक (8) पुत्र हरकचंद, हरिश (8) पुत्र बाबूलाल, कान्हा पुत्र छोटूलाल, कुंदन (12) पुत्र बिरम की मौत हुई हे, दो बच्चों की पहचान नही हुई है।

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया। घायल बच्चों को तुरंत झालावाड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और स्कूल भवन की स्थिति की समीक्षा करने की बात कही है।
क्या यह लापरवाही का नतीजा है?
इस हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह पूरी तरह से प्रशासनिक लापरवाही और स्कूल भवन की बदहाली का नतीजा है?
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्कूल भवन काफी पुराना और जर्जर स्थिति में था, लेकिन मरम्मत पर कभी ध्यान नहीं दिया गया।
जनता में रोष, सरकार से जवाब की मांग
स्थानीय निवासियों और बच्चों के अभिभावकों में गहरा आक्रोश है। लोग सरकार से जवाब और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की लापरवाही और स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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