राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) पर इन दिनों विवाद गहराता जा रहा है। कुछ प्राइवेट अस्पतालों ने इस योजना के तहत सेवाएं बंद कर दी हैं, जबकि सरकार ने अब सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों को पैनल से बाहर किया जाएगा और उनकी जगह नए अस्पतालों को जोड़ा जाएगा। RGHS पर सरकार की सख्ती: गड़बड़ी वाले अस्पताल बाहर होंगे, नए अस्पताल होंगे शामिल
गड़बड़ी वाले अस्पतालों पर पेनल्टी
जयपुर के 5–7 निजी अस्पतालों पर RGHS के तहत गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें मिलीं।
हेल्थ डिपार्टमेंट ने इन पर हजारों-लाखों की पेनल्टी लगाई। पेनल्टी से बचने के लिए अस्पताल संचालकों ने नया एसोसिएशन बनाकर RGHS सेवाएं बंद करने और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की।
850 करोड़ रुपए का भुगतान
अप्रैल 2025 से अब तक सरकार ने अस्पतालों को लगभग 850 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
मार्च 2025 से पहले के अधिकांश बकाया बिलों का निपटारा कर दिया गया है। केवल उन्हीं अस्पतालों के भुगतान रोके गए हैं जिन पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं या जिनकी जांच चल रही है।
सरकार की सख्ती और नई तैयारी
हेल्थ डिपार्टमेंट की प्रिंसिपल सेक्रेटरी गायत्री राठौड़ ने बताया कि सेवाएं बंद करने वाले अस्पतालों की सूची तैयार हो चुकी है। नियमानुसार इन अस्पतालों को पैनल से बाहर किया जाएगा। उनकी जगह अन्य नए अस्पतालों को RGHS पैनल में शामिल किया जाएगा।
350 से ज्यादा नए अस्पताल जुड़ने को तैयार
वर्तमान में प्रदेश के लगभग 50% अस्पताल RGHS योजना के तहत इलाज दे रहे हैं।
कई अस्पताल विरोध में सेवाएं बंद करना चाहते हैं।
ऐसे में लाभार्थियों को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार ने नए अस्पतालों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अब तक प्रदेशभर से 350 से ज्यादा अस्पतालों ने RGHS से जुड़ने के लिए आवेदन किया है।
नतीजा
सरकार का संदेश साफ है—RGHS योजना किसी भी हाल में बाधित नहीं होगी। गड़बड़ी करने वाले अस्पताल बाहर होंगे और नए अस्पतालों को मौका मिलेगा। इसका सीधा फायदा लाखों लाभार्थियों को मिलेगा, जिन्हें इलाज में अब किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
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