बारां, राजस्थान: बारां जिले में स्थित शेरगढ़ वाइल्डलाइफ सैंचुरी में अब वन्यजीवों की सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग द्वारा सैंचुरी के चारों ओर लगभग ढाई करोड़ रुपये की लागत से एक मजबूत चारदीवारी का निर्माण करवाया जाएगा। इस कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह कदम वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जंगल में अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। शेरगढ़ के जंगल होंगे सुरक्षित, ढाई करोड़ से बनेगी अभेद्य दीवार
चारदीवारी के निर्माण से वन्यजीवों का जंगल से बाहर निकलना रुकेगा, जिससे मानव और वन्यजीवों के बीच होने वाले टकराव की आशंका कम होगी। साथ ही, यह अवैध शिकार और पत्थरों व रेत के अवैध खनन जैसी गतिविधियों को रोकने में भी सहायक होगा। चारदीवारी बन जाने के बाद, सैंचुरी में प्रवेश केवल निर्धारित नाकों से ही संभव होगा, जिससे जंगल की सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी।
इसके अलावा, वन्यजीवों और वन की सुरक्षा के लिए एक एंटी-पोचिंग कैंप का भी निर्माण किया जाएगा। यह कैंप जंगल के बीच में स्थित होगा और यहां वन विभाग का स्टाफ हमेशा मौजूद रहेगा। इससे शिकारियों पर नज़र रखी जा सकेगी और अवैध गतिविधियों को तुरंत रोका जा सकेगा। यह कैंप पूरी तरह से सोलर बिजली से संचालित होगा, जिससे बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी। इस कैंप के बन जाने से जंगल से जुड़ी किसी भी सूचना पर तुरंत मौके पर पहुँचा जा सकेगा, जिससे समय की बचत होगी और वन सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
वन्यजीवों के लिए एक और अच्छी खबर है कि अभयारण्य में चीता प्रोजेक्ट के लिए शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई गई है। चिंकारा और काले हिरण जैसे शाकाहारी जानवरों के प्रजनन के लिए दो हर्बीवोर ब्रीडिंग सेंटर बनाए जाएंगे। इन सेंटरों के निर्माण पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे चीतों के लिए भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी। यह पहल शेरगढ़ को वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित और बेहतर घर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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