जयपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किए जाने के बाद अब राजस्थान में भी मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बढ़ गई है। पिछले 23 दिनों में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तीन बार दिल्ली यात्रा और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित अन्य प्रदेश नेताओं की सक्रियता को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। राजस्थान में जल्द हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार, सीएम भजनलाल शर्मा की दिल्ली यात्राएं और नेताओं की सक्रियता से बढ़ी अटकलें
क्या है वर्तमान स्थिति?
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सदस्य हैं, जिसमें से नियम के अनुसार अधिकतम 15% यानी 30 विधायक मंत्री बन सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित कुल 24 मंत्री हैं, जिसमें 1 मुख्यमंत्री, 2 डिप्टी सीएम, 12 कैबिनेट मंत्री, 4 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 5 राज्य मंत्री शामिल हैं। इसका मतलब है कि अभी 6 मंत्री पद खाली हैं, जिन्हें भरा जा सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार के संभावित कारण:
छत्तीसगढ़ का फॉर्मूला: छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने सरकार बनने के बाद अपने 15% कोटे को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। यह माना जा रहा है कि राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले को अपनाया जा सकता है।
सभी गुटों को मौका: पार्टी नेतृत्व यह सुनिश्चित करना चाहता है कि मंत्रिमंडल विस्तार में सभी गुटों के नेताओं को मौका मिले, जिससे सरकार के शेष कार्यकाल में गुटबाजी न हो और प्रदेश के विकास के लिए काम हो सके।
नेताओं की सक्रियता: सीएम भजनलाल शर्मा की दिल्ली यात्राओं के अलावा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने पीएम मोदी से मुलाकात की और संघ तथा राजे गुट के नेताओं को भी राजनीतिक नियुक्तियों में तरजीह दी गई है।
सीएम की दिल्ली यात्राएं:
- 28 जुलाई: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पीएम मोदी से मुलाकात की।
- 29 जुलाई: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पीएम मोदी से मिले।
- 02 अगस्त: सीएम बिना तय कार्यक्रम के दिल्ली पहुंचे और अमित शाह से मिले।
- 03 अगस्त: संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की।
- 5-6 अगस्त: जयपुर में दो दिन लगातार कई मंत्रियों और विधायकों से वन-टू-वन मुलाकात की।
- 19 अगस्त: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिले और जोधपुर हाउस में राजस्थान के सांसदों को डिनर दिया।
पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी कुछ मंत्रियों को हटाकर संगठन में लेने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि “हम तो कई मंत्रियों को भी संगठन में लेने की सोच रहे हैं। हमारे यहां तो सिपाही हैं, कहीं भी भेजो वहां काम करेंगे।” इन सभी गतिविधियों से यह साफ है कि राजस्थान की राजनीति में अगले कुछ दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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