जयपुर में गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे शहर में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। शहर के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इसी कड़ी में, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी पत्नी के साथ मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचकर दर्शन और पूजा-अर्चना की। उनके साथ ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर भी मौजूद थीं। मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने मुख्यमंत्री के परिवार के नाम से विशेष पूजा करवाई और उन्हें चुनरी ओढ़ाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजस्थान की जनता को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं और प्रदेश की समृद्धि, किसानों, युवाओं और श्रमिकों के विकास के लिए प्रार्थना की। गणेश चतुर्थी: जयपुर के प्रमुख मंदिरों में भक्तों का सैलाब, सीएम ने मोती डूंगरी में किए दर्शन
मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़
गणेश जन्मोत्सव के इस शुभ अवसर पर जयपुर के प्रमुख मंदिरों, जैसे मोती डूंगरी और गढ़ गणेश, में देर रात से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। मोती डूंगरी गणेश मंदिर में दोपहर तक भक्तों का तांता लगा रहा, वहीं गढ़ गणेश मंदिर में तो मेले जैसा नजारा देखने को मिला। गढ़ गणेश मंदिर में भगवान गणेश बाल स्वरूप में विराजमान हैं और यह भी मान्यता है कि भगवान 365 सीढ़ियों के नीचे एक पेड़ की जड़ से प्रकट हुए थे।
नहर के गणेश जी का शाही श्रृंगार
ब्रह्मपुरी माउंट रोड स्थित नहर के गणेश जी मंदिर में भी गणेश जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर भगवान गणेश को विशेष रूप से सोने, चांदी और रत्न जड़ित राजशाही पोशाक पहनाई गई। मंदिर के महंत जय शर्मा ने बताया कि यह प्राचीन सोने का मुकुट साल में केवल एक बार गणेश चतुर्थी पर ही धारण कराया जाता है। भगवान को पांच तरह के मोदक, फल और गुड़ का भोग लगाया गया।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
इस बार गणेश चतुर्थी पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जा रहा है। लोग घरों में मिट्टी के गणेश ही लेकर जा रहे हैं, जिससे पीओपी से बनी मूर्तियों की खरीददारी में कमी आई है। जयपुर में मूर्तियां बनाने वाले कारीगर भी अब मिट्टी के गणेश ही बेच रहे हैं।
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